मनुष्य के जीवन में बहुत से ऐसे पल आते हैं जब उसे लगता है कि वह सब कुछ हार चुका है, उसका वजूद मिट चुका है । मन में ऐसे भाव आना विचार आना बुरा नहीं है किंतु इनके कारण रोना स्वयं को तकलीफ देना यह गलत है। ऐसे में हमें जरूरत है कि हम अपनी हिम्मत बांधे और लड़े उन चुनौतियों से। इसी भाव को लेखक ने कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया है।
ऐसी की तैसी
उम्र एक अंक है, कहते तो सब है मगर मानता कौन है, आप मानते है? काफी सुना होगा आपने भी की “अब आपसे नहीं होगा, आपकी उम्र हो गई है”। इसी उम्र की कहानी को लेखक ने बताया है, एक हास्य रूप देके । आनंद ज़रूर लीजिएगा मगर ज़रा सा सोचिएगा भी ।
वक़्त
कहते हैं, जो वक्त बर्बाद करता है वक्त उसको बर्बाद कर देता है । जो मनुष्य समय की अहमियत समझ कर, उसका सदुपयोग कर लेता है, अवश्य ही सफल हो जाता है । वक्त कैसे, असीमित होकर भी सीमाओं के अधीन है , लेखक ने बड़ी ही खूबसूरती से इसे समझाया है। तो आइए समझते हैं वक्त को कुछ वक्त देकर।
प्रतिभावान स्त्री
यूं तो स्त्री शब्द के आगे प्रतिभावान लगाने की कोई आवश्यकता ही नहीं , क्योंकि स्त्री की परिभाषा ही उसके कौशल और उसके व्यक्तित्व को प्रस्तुत करती है। इस भाव को वह लोग अवश्य समझेंगे जो प्रेम समझते हैं। आइए जानते हैं की किन लोगों के लिए एक प्रतिभाशाली स्त्री से प्रेम करना मुश्किल हो सकता है। हां, जरा अहंकार हटाकर पढ़िए गा ।
कोशिश
कोशिश आखरी सांस तक करनी चाहिए अंत में या तो लक्ष्य हासिल होगा या अनुभव। “कोशिश” इस शब्द में इतनी शक्ति है, की यह नामुमकिन लग रहे कार्य को भी संभव बना दे। हमने और आपने भी अपने जीवन में अनेक कार्यों को संपूर्ण करने के लिए कोशिश अवश्य की होगी, तो आइए पढ़े कविता “कोशिश”।
ख्वाब का नगर
आज की उपभोक्तावाद संस्कृति के परिदृश्य में लोग अपनी जड़ों और संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं। हाल ही में गुज़रे हिंदी दिवस पर आप सभी ने हिंदी के प्रति एक अलग आस्था देखी होगी। पर वो आस्था और तल्लीनता मात्र एक दिन ही क्यों? आइए इसी विषय में पढ़तें हैं किसी के ख्वाबों के नगर के बारे में!
किताब पढ़े
ज्ञान, रोमांच जैसे कई पहलू छुपे हैं इस कागज की किताब में, कहते हैं किताबे बोलती हैं और सुनने वाले तो सुनते भी हैं। अकेले का सहारा होती है यह किताब। तो आइए “किताब पढ़ें” और अगर प्रेरणा मिले तो सच में एक किताब पढ़ें।